खुशियों के साथ पर्यावरण बचाएं, होली कंडों की जलाएं

खुशियों के साथ पर्यावरण बचाएं, होली कंडों की जलाएं


भिंड। 'जिस प्रकार हम अपने घरों में खुशियां सहेजकर रखते हैं, उसी प्रकार पर्यावरण को संरक्षति करने का दायित्व भी हमें ही स्वीकार करना होगा। इसलिए खुशियों के साथ पर्यावरण बचाएं और होली कंडों की जलाएं। प्रदूषण से पर्यावरण को बचाने की पहल में सबसे पहले शहर के विभिन्ना संगठन आगे बढ़कर लाोगों को प्रेरित करने में जुटे हैं। छात्रों ने शहरवासियों को यह संदेश दिया है किवह इस बार पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाएं। इसके लिए वह कंडों की होली जलाकर खुशियां मनाएं। यह संदेश टीम नईदुनिया की पहल पर समाजसेवी संगठनों


ने लोगों को दिया।


पर्यावरण बचाना आवश्यक


अखिल भारतीय क्षत्रिय युवा संगठन के जिलाध्यक्ष राहुलसिंह राजावत का कहना है कि होली का त्योहार लोगों के जीवन में खुशियां लेकर आता है। लेकिन त्योहार पर जलने वाली होली में कई ज्वलनशील हानिकारक गैसें निकलती हैं जो वायु में प्रदूषण फैलाकर पर्यावरण को समाप्त कर रही हैं। जिनसे लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। लोगों में अनेक गंभीर बीमारियां जन्म लेती हैं जो पर्यावरण प्रदूषण का ही पर्याय है। अवधेशसिंह भदौरिया ने कहा कि होलिका दहन के दौरान टीम नईदुनिया लोगों तक यह संदेश पहुंचाने का प्रयास कर रही है किइस बार वह कंडों की होली जलाकर पर्यावरण को सुरक्षा प्रदान कर जीवन में नए रंग भरने का प्रयास करें। इस मौके पर चंदनसिंह भदौरिया, रवि नागर, नीरज, रवि राजपूत सहित अन्य लोग थे।


 

होली खुशियों का त्योहार, पर्यावरण को बचाएं


समाजसेवी संस्था युवा संगठन से जुड़े रेखा भदौरिया का कहना है कि पर्यावरण संरक्षण की सकारात्मक पहल के साथ अन्य परिवार के लोगों को लिया जाएगा। लोगों को गोबर कंडे की होली जलाने के लिए प्रेरित करेंगे। साथ ही हम इसके लिए कैंपेन चलाएंगे। रॉकी तोमर ने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए हमारी पूरी टीम नईदुनिया के साथ है। कंडों की होली जलाने से 200 टन लकड़ी जलने से बचाई जा सकती है। होली जलाने के लिए हर साल हजारों हरे पेड़ काट दिए जाते हैं। सतीशसिंह राजावत ने कहा कि हम होली से पहले कई दिन पहले हरे पेड़ काट देते थे, ताकि होली जलाई जा सके, लेकिन इस बार नईदुनिया की पहल से प्रेरित होकर एक भी पेड़ नहीं काटूंगा और कंडें की होली जलाएंगे। साथ ही अन्य लोगों को भी कंडे की होली जलाने के फायदे बताऊंगा। इस मौके पर बदशाहसिंह, मनोज राजावत, सोनू नरवरिया, अजय राजावत, विनोद, शिवम सेंथिया आदि लोग थे।


 

मानव जीवन के लिए घातक साबित होता है 


परमार्थ महिला सत्संग मंडल की संयोजक महिमा चौहान का कहना है कि होली का त्योहार लोगों के लिए खुशियां और समृद्धि लेकर आता है। घर से दूर परदेश में रहने वाले परिवार, रिश्तेदार अपनों के साथ होली मनाने के लिए कोसों दूर पहुंच जाते हैं। त्योहार के दिन घरों में तरह-तरह के पकवान बनाकर होलिका पूजन किया जाता है। होलिका दहन से उत्पन्ना प्रदूषण पर्यावरण के लिए गंभीर समस्या पैदा कर देता है जो मानव जीवन के लिए घातक साबित होता है। सुनीता राजावत का कहना है, कि आमतौर पर होली जलाने के लिए लोग लकड़ी का उपयोग करते हैं। जिसमें कई प्रकार की लकड़ियों से उठने वाला हानिकारक धुंआ पर्यावरण में विषेली गैस के रूप में वहन करता है। जिसका प्रभाव मानव स्वास्थ्य पर सीधे तौर पर पड़ता है। पर्यावरण प्रदूषण से लोगों में हानिकारक बीमारियां जन्म लेती हैं, जिससे बचने के लिए हम जागरूक होकर पर्यावरण की अभिन्ना धरोहर को संवार सकते हैं। नईदुनिया के अभियान से जुड़कर हम भी लोगों को कंडे की होली जलाने का संदेश देंगे। इस मौके पर रामजानकी दीक्षित, लक्ष्मी भदौरिया, सुधा चौहान, रामादेवी, सुमन देवी, बीना देवी, सविता, रजनी भदौरिया, अन्नाू देवी आदि लोग थे।