कोरोना पर भारी जनता कर्फ्यू, सेल्फ शट डाउन रही शिवपुरी

शिवपुरी। कोरोना को लेकर 22 मार्च को आयोजित जनता कर्फ्यू ने कोरोना को परास्त कर दिया। सुबह से शहर की सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। लोग घरों में कैद रहे। खुद को एक जागरूक नागरिक की तरह लोगों ने घरों में रोके रखा। आलम यह हुआ कि शहर का हर रास्ता और गली वीरान नजर आया। शहर के कुछ ऐसे महत्वपूर्ण रास्ते सुनसान पड़े हुए थे, जिन पर हर दिन सैकड़ों लोग निकलते थे। वाहनों की भारी आवाजाही रहती थी। आज यह सभी सड़कें सुनसान पड़ी हुई थी। शहर का सदर बाजार जहां महिलाओं की आवाजाही बड़े पैमाने पर रहती है, वह भी पूरी तरह से बंद था। शहर के कोर्ट रोड, राजेश्वरी रोड, पुरानी शिवपुरी रोड, कमला गंज, आर्य समाज रोड, न्यू ब्लॉक, धर्मशाला रोड, माधव चौक चौराहा, अस्पताल चौराहा, दुर्गादास राठौर चौराहा, एसपी कोठी रोड, कलेक्ट्रेट रोड, महल रोड यानी शहर का ऐसा कोई हिस्सा नहीं था, जो सुनसान नजर नहीं रहा। सुबह से ही लोगों ने अपनी जिम्मेदारी को महसूस किया। जनता कर्फ्यू को जबरदस्त समर्थन देना शुरू कर दिया। नगर के लोगों को चाहे जितना जरूरी काम था, लेकिन वे घरों से नहीं निकले और संदेश दिया कि कोरोना से निपटने के लिए वे हर तरह से तैयार हैं। सड़कों पर जनता को आने से रोकने के लिए ना तो पुलिस तैनात थी और ना ही कोई उन्हें कुछ कहने वाला। बावजूद इसके लोगों ने खुद जिम्मेदारी का परिचय दिया और अपने आप घरों में रुके रहे।


 

नहीं आई बर्तन वाली तो खुद मांजे बर्तन


घरों का नजारा भी देखने लायक था। कोरोना से निपटने के लिए घरों में रहने की अपील सभी वर्ग को प्रभावित करने वाली रही। जिसका नतीजा यह हुआ कि आम दिनों में घर पर बर्तन और कपड़े धोने आने वाले कर्मचारी नहीं आए। जिसके नतीजे में घर के लोगों ने ही यह जिम्मेदारी संभाली। ऐसी ही एक महिला राखी शर्मा खुद अपने हाथों से बरतन मांजती नजर आई। उनका कहना था कि बाई आज नहीं आई है। वह कल ही मना करके गई थी कोरोना से बचाव के लिए वह घर पर रहेगी। इसलिए हमने भी उसे छुट्टी दे दी। अब बर्तन तो मांजना है, इसलिए खुद अपने हाथों से यह काम कर रही हूं। एक अकेली राखी ही नहीं शहर के कई घरों में यही हाल देखने में आया।


किसी ने किया आराम तो हो किसी ने धो डाली कार


शहर में अलग-अलग नजारे देखने को मिले। लोगों को घर पर रहना था, समय भी बहुत था। इसलिए उसे वह अलग-अलग ढंग से गुजारते नजर आए। कुछ लोगों ने टूटकर आराम किया। जमकर सोए तो वहीं कुछ लोग कार की सफाई करते दिखाई दिए। उनका कहना था कि घर के करीब ही तो हम मौजूद हैं। ऐसे ही एक मुकेश धाकड़ अपनी कार को धोते नजर आए। उनका कहना था कि इस बहाने कार भी साफ हो जाएगी और समय का भी पता नहीं चलेगा।


घर-घर हुए हवन


शहर के आर्य समाज मंदिर की ओर से समाजसेवी समीर गांधी ने शहर के 38 घरों में हवन का आह्वान किया था। अलग-अलग लोगों ने अपने घरों पर हवन कराने के लिए सहमति जताई थी। लोगों ने लोहान कंडे सहित पूजन की अन्य सामग्री 1 दिन पहले ही लाकर रख ली थी। इसके बाद लोगों ने अपने घरों पर हवन किये। शहर की विवेकानंद कॉलोनी में मोना ढींगरा के निवास पर हवन किया गया। इसमें उनके घर के आसपास के लोग और परिवार के सभी सदस्य शामिल हुए। उन्होंने कोरोना का प्रभाव खत्म करने की प्रार्थना भगवान से की, साथ ही शहरवासियों की खुशहाली और समृद्घि की कामना भी हवन के दौरान भगवान से की।