क्या डीन को नहीं पता कि कहां होती है, पंजीयन निरस्त की कार्रवाई
दतिया। मेडिकल कॉलेज डीन राजेश गौड़ द्वारा सीएस डीके गुप्ता के नाम भेजा गया। एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें मेडिकल कॉलेज के जो डॉक्टर प्राइवेट स्थानों पर बैठ रहे हैं उन पर कार्रवाई के रूप में उनके पंजियन निरस्त करने की बात कही गई। जो कि सीएस के नहीं बल्कि सीएमएचओ के अधिकार क्षेत्र में आता है। अब वायरल हो रहा पत्र सवाल खड़ा कर रहा है कि क्या डीन को नहीं पता कि पंजीयन निरस्ती की कार्रवाई कहां से की जाती है।
डीन द्वारा जारी पत्र के अनुसार ज्ञात हुआ है कि शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय दतिया में पदस्थ डॉक्टरों द्वारा विभिन्ना नामों से क्लीनिक का पंजीयन कराकर प्राइवेट प्रैक्टिस की जा रही है। मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 16 उपनियम (4) के अनुसार कोई भी शासकीय सेवक किसी लोक नियम या किसी प्राईवेट व्यक्ति के लिए उसके द्वारा किए गए। किसी कार्य के लिए विहित प्राधिकारी की मंजूरी के बिना कोई फीस नहीं ले सकेगा। शासन द्वारा शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय दतिया में पदस्थ किसी भी चिक्तिसक को उनके निवास के अतिरिक्त क्लीनिक, नर्सिंग होम, हॉस्पिटल संचालन आदि की अनुमति नहीं दी गई है। यदि आपके द्वारा शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, दतिया में पदस्थ किसी चिकित्सक को उनके निवास के अलावा प्रैक्टिस करने की अनुमति दी गई है तो उसे तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए। डीन द्वारा भेज गया यह पत्र मेडिकल लाइन में चर्चा का विषय बना हुआ है।
किसी भी डॉक्टर के पंजीयन की निरस्ती का अधिकार सीएमएचओ का है। डीन द्वारा पत्र भी मुझे भेजा गया। हो सकता है। अधीक्षक होने के चलते शायद वह पत्र मुझे भेजा गया हो। इस संबध डीन से चर्चा की जाएगी।
डीके गुप्ता, सिविल सर्जन