महंगी हुई दवाइयों की कीमतों पर लगेगा अंकुश

महंगी हुई दवाइयों की कीमतों पर लगेगा अंकुश


इंदौर / कोरोना वायरस के खौफ के बाद शहर और प्रदेश के बाजार में महंगी हुई दवाइयों की कीमतों पर अब अंकुश लग सकेगा। केंद्र सरकार ने जरूरी दवाइयों के विदेश निर्यात पर रोक लगा दी है।


फरवरी में इंदौर आए केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे के सामने बेसिक ड्रग डीलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कच्चे माल और दवाइयों की किल्लत का मुद्दा उठाया था। मांग की गई थी कि चीन से कच्चे माल की आवक रुक गई है। इसके बाद बाजार में जरूरी दवाइयों की कीमत लगातार बढ़ रही थी। कई दवाइयों की तो किल्लत होने लगी थी। हालांकि इंसुलिन और मॉस्क पर फिलहाल सरकार ने इसी सूची में शामिल नहीं किया है। एसोसिएशन के महासचिव जेपी मूलचंदानी के मुताबिक पहली लिस्ट में 25 से ज्यादा दवाइयां हैं जिनका निर्यात प्रतिबंधित किया गया है। इनमें सबसे जरूरी दवा पैरासिटामॉल और निओमाइसिन के साथ विटामिन के फॉर्मूलेशन भी शामिल है। कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद बनी स्थिति के बाद इन दवाइयों की कीमतों में 40 प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी गई थी। एसोसिएशन के महासचिव के मुताबिक अभी पहली लिस्ट आई है। उम्मीद है कि सरकार अभी दूसरी सूची भी जारी करेगी। इसमें इंसुलिन व मास्क जैसी वस्तुओं का उल्लेख रहेगा। इसके बाद इनकी कीमतों पर भी नियंत्रण होगा।


 

नहीं मिल रहे इंसुलिन


बाजार में कुछ खास तरह के इंसुलिन नहीं मिल रहे हैं। प्रदेश में सबसे बड़े माने जाने वाले इंदौर के थोक दवा बाजार में भी बमुश्किल इंसुलिन दिए जा रहे हैं। वह भी कम मात्रा और मुंहमांगे दामों पर, क्योंकि मधुमेह के रोगियों को इंसुलिन नियमित लेना होता है। इसका सीधा असर ज्यादातर परिवारों पर पड़ रहा है। मास्क भी बाजार से खत्म हो गए हैं। फिलहाल मास्क का भी महंगे दामों पर लगातार निर्यात किया जा रहा है। ऐसे में मांग उठ रही है कि मास्क व इंसुलिन के निर्यात पर भी रोक लगाई जाए।