मेला मंच पर कवियों ने बांधा समां
भांडेर। जीवन के हर पल लिखता हूं, गीत, गजल, कविता लिखता हूं । यह पंक्तियां मेला मंच पर सुनाकर स्थानीय कवि नरेंद्रराज को उपस्थित श्रोताओं की खूब वाहवाही मिली । सोमवार शाम भांडेर के मेला श्रीरामलीला के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में स्थानीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसका शुभारम्भ सीएमओ नगर परिषद् भांडेर राजीव जैन एवं मेला प्रभारी सुरेश राजौरिया द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस मौके पर कवियों को शॉल श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया गया ।
कवि सम्मेलन का आगाज कवि लालजी योगी द्वारा प्रस्तुत की गई सरस्वती वंदना से हुआ। इसके बाद कवि अनुराग शर्मा ने फूल की तरह नाजुक हंसी जिंदगी, उलझनों की भंवर मे फंसी जिंदगी गजल सुनाई । रामसेवक पाल अरविन्द ने कविता जगत में अमृत सा पानी, बचा लो इसे तनिक ज्ञानी, नहीं तो पाओगे हानि सुनाई। मंजूरे आलम कसक ने असल ईद हमारी उस दिन होगी, जब चांद गली से निकलेगा प्रस्तुत की। प्रकाश बुधौलिया चन्द्र ने बुंदेली कविता पाठ किया। अमरसिंह दिनकर ने हास्य व्यंग्य वई पत्तल में खा रहे, बई में कर रहे छेद, हमें जई बात को खेद सुनाकर श्रोताओं को गुदगुदाया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे राधाकृष्ण पाठक अतीत ने दर्शन का भाव कविता के माध्यम से विचार व्यक्त करते हुए कहाकि हमारा जीवन कटोरी सा छोटा है, चिंतन के लिए समय का टोटा है। अन्य कवियों में शरद नागर, महेश पाराशर, जयराम राहुल, रामकिशोर अग्रवाल, ईद खां दर्द तथा राजेन्द्र नामदेव ने भी काव्य पाठ कर श्रोताओं की तालियां बटोरी। कार्यक्रम का संचालन मंजूरे आलम और आभार व्यक्त पूर्व पार्षद बृजेश नागर द्वारा किया गया।