मुनिश्री विहसंत का 777 दिन बाद गुरु से हुआ मंगल मिलन, पाद प्रक्षालन कर आशीर्वाद लिया
भिंड । गणाचार्य मुनिश्री विराग सागर महाराज ने बुधवार सुबह शहर में ससंघ मंगल प्रवेश किया। गणाचार्य महाराज की आगवानी में शहर में विराजमान मेडिटेशन गुरु विहसंत सागर महाराज, दया़ऋषि सागर और विश्वसूर्य सागर महाराज के साथ पूर्व विधायक नरेन्द्र सिंह कुशवाह ने की। महाराजश्री की आगवानी में मानो पूरा शहर ही उमड़ पड़ा हो। जुलूस में बैंडबाजों के साथ 2 गजराज भी झूम-झम चल रहे थे। शहर में आचार्यश्री के लिए जगह-जगह श्रद्धालुओं ने रंगोली सजाकर बालिक और बालिकाएं कलश लेकर खड़े रहे।
777 दिन बाद गुरु मिलन हुआ
परेड चौराहे पर जैन समाज समाज द्वारा एक भव्य मंच बनाया गया। मेडिटेशन गुरु विहसंत सागर और गणाचार्य विराग सागर महाराज का 777 दिन बाद मंगल मिलन हुआ। मेडिटेशन गुरु ने मंच पर अपे गुरु की परिक्रमा लगाकर पाद प्रक्षालन कर आशीर्वाद लिया। मेडिटेशन गुरु ने कहा कि गुरुवर ने 17 जनवरी 2018 को दिल्ली में उन्हें छोड़ा था। 4 मार्च को 777 दिन बाद गुरु के दर्शन सुलभ हुए हैं। तीनों को जोड़े तो 21 होते हैं। इस बार दीक्षा जयंती नहीं मनाई। मैंने मन में सोचा था, इस बार अपने गुरुवर से शीष पर हाथ रखवाकर आशीर्वाद ग्रहण करूंगा।
शहर में उमड़ा जन सैलाब
मुनिश्री की आगवानी के लिए शहर में गुरु सेवा परिवार महिला मंडल, हर्ष बहुमंडल, अहिंसा ग्रुप, वीर युवा मंडल सहित अन्य सामाजिक संगठनों ने जगह-जगह स्वागत द्वार सजाकर हाथों में थाली और कलश लेकर महाराजश्रीज का पाद प्रक्षालन कर आरती उतारी। आचार्य संघ के साथ जन सैलाब बैंडबाजों के साथ भक्ति नृत्य करते हुए बतासा बाजार, फ्रीगंज, गोल मार्केट, सदर बाजार होते हुए हाऊसिंग कॉलोनी स्थित बद्रीप्रसाद की बगिया में पहुंचे। यहां गणाचार्य महाराज ने श्रद्धालुओं को मांगलिक प्रवचन दिए।
ऐसी भक्ति देखकर यहां बार-बार आने का मन करता है
प्रवचन में गणाचार्य विराग सागर महाराज ने कहा कि यह भक्तों की परीक्षा की घड़ी है। पिछली बार प्रवेश पानी बरसते-बरसते हुआ था। आज बरसते बरसते प्रवचन भी सुनो। कलकत्ता वासियों ने मुझसे पूछा कि आपके छह चातुर्मास भिंड शहर में हुए इसका क्या कारण हैं तो मैंने कहा भिंड वालों की अनन्य महाभक्ति मजबूत है। इस नगर ने बढ़े बढ़े नगरों को जन्म दिया है। वे रत्न पक्के ही हैं। इसका भी आपने आज परीक्षा करके देख लिया है, कि बरसते पानी में भी जिनवाणी को सुन रहे है। ऐसी भक्ति देखकर यहां बार बार आने को मन करता है। गणाचार्य महाराज ने कहा कि सम्मेद शिखर की यात्रा के बाद किए जहां तक कि बरही के पंचकल्याणक के पश्चात बरासों का पंचकल्याणक इक्कीस ही होगा। क्योंकि विहसंत सागर महाराज ने अनन्य मेहनत की है। भगवान की यह आराधना निश्चय ही सभी में सुख शांति प्राप्त करेगी। इस दौरान रविसेन जैन, रतनलाल जैन, राकेश जैन, महेन्द जैन, सुरेन्द्र जैन, निक्कू जैन, राजेन्द्र जैन, अशोक जैन, मनोज जैन, रमेश जैन, सुुरेश जैन, दिनेश जैन, दीनू जैन, महेश चन्द जैन आदि लोग थे।
आज करेंगे बरासों के लिए मंगल विहार
अतिशय क्षेत्र बरासों के 6 मार्च से 12 मार्च तक होने वाले पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव कार्यक्रम गणाचार्य विराग सागर महाराज के ससंघ सानिध्य में आयोजित होने जा रहा है। आचार्य संघ बरही से विहार करते हुए बुधवार को शहर में प्रवेश हुआ। मुनिश्री गुरुवार सुबह ऋषभ सत्संग भवन में मांगलिक प्रवचन करेंगे। दोपहर को आचार्यश्री ससंघ बरासों के लिए मंगल विहार करेंगे।