राष्ट्रीयकृत बैंकों के मुकाबले सहाकरी बैंको का एनपीए न के बराबर

राष्ट्रीयकृत बैंकों के मुकाबले सहाकरी बैंको का एनपीए न के बराबर


ग्वालियर । मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के शहरी सहकारी बैंकों की एक दिनी कार्यशाला हुई। इसमें भारतीय रिजर्व बैंक के निदेशक सतीश मराठे ने कहा कि पूरे देश में डेढ हजार सहकारी बैंक हैं। इसमें से 85 प्रतिशत बैंक ए, बी स्तर और 300 बैंक सी स्तर की हैं। शहरी सहकारी बैंकों का एनपीए 2.7 प्रतिशत है जो राष्ट्रीयकृत बैंकों की तुलना में न के बराबर है। उन्होंने कहा कि पालिसी फॉर्मेशन के साथ-साथ आवधिक जांच भी करना चाहिए जिससे संचालक मंडल, स्टाफ सजग रहता है। द्वितीय सत्र में एसबीआई के सेवानि. अधिकारी प्रहलाद सबनानी ने कहा कि बैंक को मार्केट में बने रहने के लिए अपने प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग करते रहना चाहिए। सत्र की अध्यक्षता महिला नागरिक सहकारी बैंक की अध्यक्ष अल्का श्रीवास्तव ने की। तीसरे सत्र में मुख्य वक्ता नेफकब के अध्यक्ष ज्योतींद्र मेहता थे। उन्होंने शहरी सहकारी बैंकों को राष्ट्रीय स्तर पर एक मंच पर लाने के लिए अंब्रेला ऑर्गेनाइजेशन बनाने के लिए विस्तार से बताया। चौथे सत्र में फिनॉकस सॉल्युशंस मुंबई के साइबर एक्सपर्ट राहुल अय्यपन ने सिक्योरिटी के बारे में बताया। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ के 18 शहरी सहकारी बैंकों के 50 और सहकार भारती के 30 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। आभार बैंक के प्रभारी दीपक कुमार हीरानी ने माना।