सतनवाड़ा सहित पुराना अमोला इलाके में बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि
शिवपुरी। मौसम का बदलता मिजाज किसानों पर कहर बनकर टूट रहा है। जिले के कई स्थानों पर मंगलवार को बारिश हुई तो कुछ स्थानों पर ओले गिरे, जिससे फसलों को नुकसान हो गया है। किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। रन्नाौद, कोलारस, खनियांधाना, पिछोर के बाद बीते रोज सुभाषपुरा के 7 गांव में ओले पड़े थे। मंगलवार को यहां सर्वे टीम गांव में उतरने वाली थी, तभी आसमान पर फिर से बादल छाए। इस बार सतनवाड़ा इलाके में कहर बरपा दिया।
दोपहर 1 बजे के बाद सतनवाड़ा से लेकर शहर के बालाजी धाम तक तेज बारिश के साथ आए ओलों ने आसपास की फसलों को नुकसान पहुंचा दिया। सड़क पर चल रहे वाहनों को थम जाना पड़ा। जबकि दूसरी ओर शिवपुरी झांसी फोरलेन स्थित पुराना अमोला क्षेत्र में 500 हेक्टेयर भूमि पर खड़ी फसलें ओलों का निशाना बन गई। करीब 20 मिनट तक शिवपुरी और अमोला क्षेत्र में ओलों ने कहर बरपाया है। मौसम का मिजाज यहीं तक नहीं थमा। वह पोहरी और बैराड़ में भी केंद्रित रहा। यहां जमकर बारिश हुई। तेज बारिश के नतीजे में कई जगह पानी भर गया। शहर में भी रुक रुककर बारिश हो रही है। आसमान से मेघ गर्जना के साथ बिजली का चमकना जारी है।
सतनवाड़ा में गिरे चने से बड़े आकार के ओले
शिवपुरी शहर से करीब 15 किमी दूर सतनवाड़ा इलाका स्थित है। शिवपुरी ग्वालियर हाइवे पर यह इलाका ओलों की चपेट में आया। सतनवाड़ा के आसपास के गांवों में भी ओलों ने कहर बरपाया। लोगों ने बताया कि सुबह ध्ूप खिली हुई थी लेकिन 11 बजे के बाद बादल छाने लगे। 1 बजे के बाद बारिश के साथ आए ओलों ने फसलों को नुकसान पहुंचा दिया है। किसानों का कहना है कि वह किस तरह कर्ज पटाएगा और किस तरह से बच्चों की शादी होगी यह बात समझ नहीं आ रही। इस इलाके में करीब 300 हेक्टेयर क्षेत्र में खड़ी चना, गेहूं और सरसों की फसल में नुकसान हुआ है।
विस्थापित भूमि की फसल का हुआ नुकसान
पुराना अमोला इलाके में किसान विस्थापित भूमि पर खेती करते हैं। यह भूमि जल संसाधन विभाग के अधीन हैं और इसे रसीद काटकर किसानों को खेती के लिए विभाग द्वारा दिया जाता है। यहां के विस्थापित किसान ही इस भूमि पर खेती करते हैं। करीब 500 हेक्टेयर भूमि पर इस बार गेहूं, सरसों, चना, मसूर की फसल की गई थी। आज दोपहर में जब ताबड़तोड़ ओले गिरे तो फसलों का नुकसान पहुंचा है।
बैराड़ में आधे घंटे तक हुई जोरदार बारिश
बैराड़ इलाके में भी दोपहर में करीब आधा घंटे तक जोरदार बारिश हुई। बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। कई किसानों ने पहले बोवनी कर दी थी। कुछ जगह पर फसल कट रही थी, लेकिन वह खेतों में पड़ी थी। बारिश के चलते खेतों में पड़ी फसल पूरी तरह से भींग गई हैं। किसानों का कहना है कि फसल के गीले हो जाने से दाना काला पड़ जाएगा। उन्हें फसल का दाम नहीं मिलेगा।
पोहरी में भी बारिश ने मचाई तबाही
पोहरी इलाके में भी मेघ जमकर बरसे और करीब आध्े घंटे जमकर बारिश के चलते किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। किसानों का कहना है कि बारिश से फसलों को नुकसान होगा, क्योंकि कुछ जगह पर कटाई शुरू हो गई है। फसलों को खेतों में रखा गया है। इसके चलते किसानों की फसल भींग जाने से उनकी फसलों को नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि बेमौसम की बारिश ने उनकी चिंताएं बढ़ा दी हैं।
खनियांधाना में भी एक घंटे हुई बारिश
खनियांधाना में भी एक घंटे तक बारिश हुई। इसके बाद रुक रुककर बारिश का सिलसिला जारी है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। किसानों का कहना है कि आफत की इस बारिश ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया है। बारिश के चलते उनकी फसलों को नुकसान हो रहा है।
मुहारीकलां में बारिश से फसलों को नुकसान
मुहारीकलां इलाके में मंगलवार की शाम बारिश शुरू हुई जो रुक रुककर हो रही थी। किसानों का कहना है कि बारिश के चलते उनकी फसलों को नुकसान होगा, क्योंकि कुछ जगह पर फसल पककर तैयार है। ऐसे में बारिश से उनकी फसलों को नुकसान होगा। बारिश के साथ चली हवा से कई जगह फसल बिछ भी गई है।
बारिश और ओलों के चलते फसलों में 50 से 60 फीसदी नुकसान
सतनवाड़ा इलाके के किसान सुनील, मदन, राजेश, हरज्ञान ने बताया कि बारिश और ओलों से फसलों में 50 से 60 फीसदी नुकसान हुआ है। ओलों के कारण पकी हुई फसल के दाने गिर गए हैं, जिससे किसानों को नुकसान हुआ है। किसानों का कहना था कि बैंक और साहूकारों के कर्ज लेकर फसल बोई थी, लेकिन अब कर्ज कैसे पटेगा, यह चिंता किसानों को सताने लगी है।
सर्वे भी नहीं हुआ शुरू, किसानों में नाराजगी
जिन इलाकों में पहले ओलावृष्टि हुई थी, उन इलाकों में अब तक सर्वे का काम शुरू नहीं हुआ है, जिसे लेकर किसानों में खासी नाराजगी है। किसानों का कहना है कि ओलों और बारिश ने उनकी फसलों को तबाह कर दिया है, लेकिन अब तक टीमों ने सर्वे का काम ही शुरू नहीं किया है।