टाइम मैनेजमेंट के लिए जरूरी है इम्पॉर्टेंट और अर्जेंट को समझना
इंदौर । 'एक युवा क्लास से घर आता है और कहता है कि उसे बहुत होमवर्क मिला है। तभी दोस्त का फोन आता है और वह उसे 15 मिनट के लिए कहीं चलने का कहता है। दोस्त की बात वह टाल नहीं पाता और 15 मिनट की बजाय ढाई घंटे में घर लौट कर आ पाता है। थकान और जाया हुए वक्त के कारण वह पूरा होमवर्क नहीं कर पाता।' यह बात बेशक एक वीडियो के जरिए दिखाई गई लेकिन इससे वहां मौजूद हर विद्यार्थी खुद को जुड़ा हुआ महसूस करने लगा। असल में इस वीडियो के जरिए युवाओं को टाइम मैनेजमेंट का पाठ पढ़ाने के लिए सेमिनार आयोजित किया गया।
शासकीय महिला पॉलीटेक्निक कॉलेज में टाइम मैंनेजमेंट विषय पर एक दिनी सेमिनार आयोजित हुआ। इसमें सहायक आयुक्त राज्यकर विजय सोहनी ने टाइम मैंनेजमेंट के फंडे बताते हुए इस बात पर जोर दिया कि सामान और रिश्ते दोनों ही व्यवस्थित रखें तथा इम्पॉर्टेंट व अर्जेंट को समझकर काम करें। वीडियो, ग्राफ और तथ्यों को आधार बनाकर टाइम मैनेजमेंट विषय पर जानकारी देते हुए सोहनी ने कहा कि सफलता के लिए व्यवस्थित रहना और ना कहना सीखना भी जरूरी होता है।
टाइम मैनेजमेंट के लिए जरूरी है कि आप यह मंथन करें कि आप 24 घंटों को किस तरह व्यतीत करते हैं। इससे आपको पता चलेगा कि कितने वक्त का सदुपयोग हो रहा है और कितना वक्त बिगड़ रहा है। कार्य को लेकर अपनी प्राथमिकता तय करें। यह देखें कि कौन सा काम आपके लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है और उसमें कितना वक्त लगेगा। उस कार्य को उतना ही वक्त दें। दिनभर में आपको जो भी काम करना है उसकी सूची तैयार कर लें। हर सुबह दिनभर के कार्यों की लिस्ट बनाएं और जो कार्य उसमें लिखें हों उसे उसी दिन कर लें। बेहतर होगा कि रात को ही यह तय कर लें कि दूसरे दिन क्या-क्या करना है। इसका फायदा यह होगा कि आप उसके अनुरूप सुबह जागेंगे।
कार्य सौंपना भी बेहतर होता है
कार्यों को सौंपना भी समय प्रबंधन का महत्वपूर्ण अंग है। यदि आपको लगता है कि अमुक कार्य आपके अलावा परिवार का कोई सदस्य, अधीनस्थ या मित्र कर सकता है तो उसे समय सीमा देकर वह कार्य करने की जिम्मेदारी दे दें। पर यह देख लें कि जिसे जो कार्य दिया गया है वह उसे करने में सक्षम है या नहीं। किसी अन्य को कार्य सौंपकर आप अपने अन्य आवश्यक कार्य कर सकेंगे। यदि कोई व्यक्ति आपको ऐसा कार्य करने का कह रहा है जिसे करने का वक्त आपके पास नहीं है या उस कार्य को करने से आपके आवश्यक कार्य बाधित होंगे तो आप मना कर दें।
सोशल मीडिया में ज्यादा वक्त न लगाएं
वर्तमान में यह नजर आ रहा है कि युवा ज्यादा से ज्यादा वक्त सोशल मीडिया में डूबे रहते हैं। एक सर्वे के अनुसार एक व्यक्ति औसतन प्रतिदिन दो घंटे इंटरनेट सर्फिंग, फेसबुक और वाट्सएप का इस्तेमाल करता है। यह दो घंटे कोई दूसरे महत्वपूर्ण काम के लिए बहुत कीमती हो सकते हैं। यदि इन सबका उपयोग करना भी हो तो जरूरत के अनुरूप ही करें। टालने की प्रवृत्ति भी टाइम मैनेजमेंट का बड़ा रोड़ा है। जो कार्य करना जब जरूरी है तब ही करें। दिन या वक्त का इंतजार करते न रहें।